मोदी सरकार टैक्स में छूट नहीं देती है, तो BCCI को 906 करोड़ रुपए चुकाने पड़ सकते हैं

क्रिकेट की दुनिया में सबसे अमीर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इस साल टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी करने वाला है। इसको लेकर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने BCCI से कहा है कि वह केंद्र सरकार से टैक्स में पूरी तरह छूट देने को लेकर बात करे। यदि केंद्र सरकार टैक्स में छूट नहीं देती है, तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को बतौर टैक्स ICC को 906 करोड़ रुपए तक चुकाने पड़ सकते हैं।
दूसरा पहलू यह भी है कि यदि भारत सरकार टैक्स में थोड़ी भी छूट देता है, तो ऐसी स्थिति में ICC को कम से कम 227 करोड़ रुपए तक देने पड़ सकते हैं। टैक्स में छूट को लेकर ICC और भारतीय बोर्ड के बीच काफी पुराना विवाद चल रहा है।
दूसरी बार भारत में होगा टी-20 वर्ल्ड कप
यह टूर्नामेंट इसी साल अक्टूबर में होना है। भारत दूसरी बार टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा। इससे पहले 2016 में यह टूर्नामेंट भारत में हुआ था, तब वेस्टइंडीज ने यह खिताब जीता था। टीम इंडिया एक ही बार 2007 में यह टूर्नामेंट जीत सकी है। तब फाइनल में पाकिस्तान को शिकस्त दी थी।
टैक्स में छूट पाने की फरवरी आखिरी तारीख
ICC ने भारतीय बोर्ड को केंद्र सरकार से बात करने और टैक्स में छूट पाने के लिए पहले 31 दिसंबर 2019 और फिर 31 दिसंबर 2020 की तारीख दी थी। यह दोनों ही मौके BCCI ने गंवा दिए हैं। अब बोर्ड सूत्रों की मानें को ICC ने भारतीय बोर्ड को फरवरी तक का आखिरी मौका दिया है। यदि BCCI इस मौके को भी गंवाता है, तो उससे मेजबानी छीनी जा सकती है। ICC ने विकल्प के तौर पर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को चुन रखा है।
मोदी सरकार ने BCCI के आवेदन को लटकाया
सूत्रों की मानें तो BCCI ने टैक्स में पूरी तरह छूट के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आवेदन दे रखा है। इसे वित्त मंत्रालय ने लटकाया हुआ है। इस पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि BCCI खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन भी नहीं है।
ICC ने BCCI को दो ऑप्शन दिए
- टी-20 वर्ल्ड कप UAE शिफ्ट किया जाए।
- एक अंडरटेकिंग दें कि अगर सरकार से छूट नहीं ले पाए तो टैक्स की जिम्मेदारी खुद उठानी पड़ेगी। यह रकम कम से कम 226.58 करोड़ रुपए और मैक्सिमम 906.33 करोड़ रुपए हो सकती है।
2016 में भी हुआ था विवाद
यह पहली बार नहीं है, जब टैक्स के मामले को लेकर ICC और BCCI के बीच टकराव हुआ है। इससे पहले 2016 टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान भी यही मामला उठा था। तब यह टूर्नामेंट भारत में ही हुआ था। तब भी टूर्नामेंट को लेकर भारत सरकार से कोई छूट नहीं मिली थी। इसके कारण आईसीसी को 20-30 मिलियन डॉलर (करीब 150 से 230 करोड़ रुपए) तक का नुकसान झेलना पड़ा था।
आईसीसी ने 2018 में चेतावनी दी थी
2016 से सबक लेते हुए आईसीसी ने फरवरी 2018 में ही बीसीसीआई को चेतावनी दे दी थी। उसने कहा था कि बीसीसीआई अभी से नहीं संभला तो वह 2021 टी-20 वर्ल्ड कप और 2023 में वनडे वर्ल्ड कप की मेजबानी गंवा सकता है।
मीडिया अधिकार से ही होती है आईसीसी की कमाई
ICC 8 साल तक के अपने महिला-पुरुष के टी-20 और वनडे के अलावा अंडर-19 वर्ल्ड कप के मीडिया अधिकार बेचता है। यही बोर्ड की मुख्य कमाई होती है। वह सभी मेजबान देश की सरकार से टैक्स में छूट की मांग करता है, लेकिन ICC दावा करता है कि भारत ही अकेला देश है, जो टैक्ट में छूट नहीं देता है।
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